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बलात्कार जयादा भारत में या इंडिया में (जागरण जंक्शन फोरम में)

संसद या सासत
संसद या सासत
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बलात्कार जयादा भारत में या इंडिया में (जागरण जंक्शन फोरम में)

बलात्कार कर के ही भारत को इंडिया बना दिया गया। इंडिया नाम ही इसीलिए दिया गया, या भारत का बलात्कार कर के इंडिया नाम ही इसलिए दिया गया ताकि यहाँ भी बलात्कार को क़ानून का अमली जामा पहनाया जा सके। क्योकि जहां से इंडिया आया वहां बलात्कार एक मनोरंजन का साधन है। इटली आदि देशो में बलात्कार नहीं होता है। इन देशो के लोग बड़े ही उदार ह्रदय होते हैं। वे एक दूसरे की इच्छा समझते हैं। एक दूसरे की आवश्यकता पूर्ती के लिए तन-मन से समर्पित रहते हैं। नित नए स्वाद चखने के प्रेमी होते हैं।

सही भी है-
लीक लीक कायर चले लीकहिं चले कपूत।
लीक छोडि तीनो चले शायर, सिंह, सपूत।
अर्थात पुरानी लीक या लकीर के फकीर बनना कायरों एवं कपूतों की निशानी है। सायर, सिंह एवं सपूत पुरानी लीक पर नहीं चलते। वे अपना नया रास्ता स्वयं बनाते एवं उस पर चलते हैं।
बलात्कार में बड़े फायदे हैं। देशी कद्दू का बलात्कार विदेशी कटहल से करा दिया गया। एक नया “हाई ब्रिड” कद्दू खाने को मिल गया। देशी आम का बलात्कार विदेशी अमरूद से करा दिया गया, वर्ण शंकर ही सही, एक नया फल चखने को मिल गया। भले अब वह स्वदेशी मूल का आम अपनी अस्मिता एवं अस्तित्व लुप्त करने के कगार पर पहुँच गया हो। जैसे कि आज कल अंतर्जातीय विवाह कर “हाई ब्रिड” या “हाई टेक” संतान पैदा करने की होड़ लगी हुई है। सरकार भी बड़े जोर-शोर से इसके संवर्धन एवं परिवर्धन में बजट का एक बड़ा हिस्सा निवेश कर रही है। पहले अंतर्जातीय विवाह से इस “रिसर्च” को आगे बढाने की “पञ्चवर्षीय” योजना लागू की गयी। किन्तु इससे बलात्कार की सीमा काफी सीमित थी। उसके बाद क़ानून बदल कर “यदि दिल से दिल मिल गया” तो भाई-बहन भी परस्पर “हाई ब्रिड” या परस्पर बलात्कार (जिसे आधुनिक प्रेम की भाषा में विवाह?) कर सकते हैं। अब तक के इस दिशा में सरकार द्वारा किये गए प्रयासों में काफी सफलता सरकार को मिली है। सरकार इससे काफी उत्साहित है। अब इस दिशा में विचार चलने वाला है कि “यदि माँ-बेटे का दिल मिल जाय तो परस्पर बलात्कार या “क्रास-ब्रीडिंग” कर एक नए हाई-ब्रिड का आविष्कार कर सकते हैं।” कारण यह है की पचास वर्ष की उम्र के आस-पास वाले जिनके लडके-लड़कियाँ टीवी आदि के द्वारा इस “क्रास-ब्रीडिंग” को अच्छी तरह जान गए हैं, यदि किसी “पचास करोड़” की “रम्भा” से शादी करते हैं, तो वह रम्भा तो “हाई-ब्रिड” करेगी ही। अब इसे आप चाहे हिंदी में बलात्कार, शीलहरण या कौमार्य भंग जो भी कह लें।
क्या आप नहीं देखते है कि पालतू मादा पशुओं में- गाय, भैंस तथा कुत्ते आदि में विकास खंडो या पशु चिकित्सालयों में उच्च प्रजाति के “वीर्य अवरोहण” या अंगरेजी में “सिमेन लोड” कराया जाता है? तो क्या मादा अपनी इच्छा से दौड़ कर चिकित्सालयों में जाती है। तथा सीमेन चढ़वाती है? यदि उसका बलात्कार न करवाया जाय तो कैसे उन्नत किस्म के नए जीव-प्राणी पैदा होगें?
यदि भारत का बलात्कार कर इसे इंडिया नहीं बनाया गया होता तो यह उपलब्धि कहाँ से मिलती।
तो यदि भारत का ही बलात्कार कर इंडिया कर दिया गया तो आखिर उसके नाम की कुछ तो सार्थकता होनी चाहिए?
भारती

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